अनुसंधान

क) पूर्ण अनुसंधान (2020-21 में)

ख) प्राप्त अनुदान (2020-21 में भीतरी अनुदान  और बाहरी अनुदान)

क्रम सं.

परियोजना का शीर्षक

भीतरी अनुदान  

अवधि

स्थिति

प्रधान अन्वेषक /सह-प्रधान अन्वेषक का नाम

1

पुरुषों में मूत्र मार्ग कैथीटेराइजेशन विफलताओं और संबंधित चोटों की घटनाएं, जोखिमकारक और परिणाम- भारत में एक तृतीयक देखभाल केंद्र में एक संभावित अध्ययन।

 

जारी 

डॉ. एल.एन. दुरैराजन 

(मार्गदर्शक)

2

सौम्यप्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया के कारण होने वाले लगातार भंडारण लक्षणों वाले रोगियों में तमसुलोसिन के लिए एक ऐड-ऑन थेरेपी के रूप में ऑक्सीब्यूटिनिनकी प्रभावकारिता की तुलना मिरबेग्रोन के साथ की जाती है: एक रैन्‍डमाइज़्ड कन्‍ट्रॉल्‍ड ट्रॉयल।  

 

जारी 

डॉ. एल.एन. दुरैराजन 

(मार्गदर्शक)

3

रैडिकल सिस्टेक्टॉमी में एन्हांस्ड रिकवरी प्रोटोकॉल।

शून्य

2018-2020

पूरा हुआ, 

प्रकाशन के लिए भेजा

डॉ. श्रीराग .के.एस (मार्गदर्शक)

4

मूत्राशय के कैंसर के क्लिनिकोपैथोलॉजिकल विशेषताओं के साथ संशोधित ग्लासगो रोग सूचक स्कोर का संघ।

शून्य

2019-2021

जारी

डॉ. श्रीराग .के.एस (मार्गदर्शक)

5

दक्षिणभारत में एक तृतीयक देखभाल केंद्र में कैंसर के लिए प्रमुख मूत्रविज्ञानप्रक्रियाओं से गुजरने वाले रोगियों में शिरापरक थ्रोम्बोम्बोलिज़्म औरनैदानिक ​​और प्रक्रियात्मक विशेषताओं के साथ इसका संबंध।

शून्य

2020-2022

जारी

डॉ. श्रीराग .के.एस (मार्गदर्शक))

6

क्लिनिको-पैथोलॉजिकल लक्षण और दक्षिण भारतीय तृतीयक अस्पतालमें रीनल सेल कार्सिनोमा वाले मरीजों केबीच रोग का निदान के साथइसकासंबंध                 

शून्य

2019-2020

जारी

डॉ. श्रीराग .के.एस (मार्गदर्शक)

7

एसोसिएशन ऑफ टी.एन.एफ-α-1031 टीसीजीन पॉलीमॉर्फिज्म विद कार्सिनोमा यूरिनरी ब्लैडर इन ए टर्शियरी केयर हॉस्पिटल इन साउथ इंडियन पॉपुलेशन।

हां

2021-2023

जारी

डॉ. श्रीराग .के.एस (मार्गदर्शक)

8

‘’दक्षिण भारत में एक तृतीयक देखभाल केंद्र में गैर-न्यूरोजेनिक लोअर यूरिनरीट्रैक्ट डिसफंक्शन के साथ पेश होने वाले 50 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों में वीडियो रोडायनामिक असामान्यताओं के पैटर्न और नैदानिक ​​​​निदान’’ के साथ उनका जुड़ाव JSAC/83/2020/448

शून्य

2020-2023

जारी

डॉ. सिद्धार्थ कालरा

 

9

‘’गैर-न्यूरोजेनिकवॉयडिंग डिसफंक्शन वाली महिलाओं में वीडियोयूरोडायनामिक असामान्यताओं केपैटर्न और नैदानिक ​​​​निदान के साथ उनका जुड़ाव।‘’ जिप/आईईसी/2020/089

शून्य

2020-2022

जारी

डॉ. सिद्धार्थ कालरा

(सह-गाइड)

10

‘’कैथेटर से संबंधित मूत्राशय की बेचैनी को कम करने में पोस्टऑपरेटिव इंट्रावेसिकलबुपिवाकेन प्रशासन की प्रभावकारिता और निचले मूत्र पथ ट्रांसयूरेथ्रलइलेक्ट्रोसर्जरी के बाद रोगियों में पोस्टऑपरेटिव लोअर यूरिनरी ट्रैक्टलक्षण। - एक रैन्‍डमाइज़्ड  डबल ब्लाइंड प्लेसीबो कन्‍ट्रॉल्‍ड ट्रॉयल।‘’

शून्य

2020-2023

जारी

डॉ. सिद्धार्थ कालरा

(मार्गदर्शक)

ग)प्रकाशन – इंडेक्‍ज़्ड जर्नल्स (2020-21 में) 

  1. मेट्री .एम, कालरा .एस, लालगुडी नारायणन .डी, रामनिधरन .एम, केएस .एस- ‘’एम्फीसेमेटस प्रोस्टेटाइटिस विद सेकेंडरी पसोस एब्सेस-ए घातक परिणाम प्रोस्टेट बायोप्सीके बाद।‘’ मूत्रविज्ञान। 2020 अगस्त;142:e45-e46। डी.ओ.आई: : 10.1016/j.urology. 04.085। ई.पब 2020 मई 4। पी.एम.आई.डी: 32380157।
  2. कालरा .एस, मेहरा .के, मुरुगानंदम .के, दुरैराजन .एल.एन, मणिकंडन .आर, धनपति .एच, श्रीनिवासन कोडकट्टिल .एस –‘’क्या वयस्कों में गुर्दे कीखराब कार्यप्रणाली में डायवर्जन एब्लेटिवप्रक्रियाओं पर पुनर्निर्माण सर्जरी के पक्ष में है?’’ एक संभावित अध्ययन। क्योरस। 2020 अगस्त 29;12(8):e10124। डी.ओ.आई: 7759/cureus.10124। पी.एम.आई.डी: 33005538; पी.एम.सी.आई.डी: पी.एम.सी 7523748।
  3. होठा .एस, कालरा .एस, दुरैराजन .एल.एन, मणिकंडन .आर, श्रीनिवासन .एस.के –‘’क्या किडनी के आदिम न्यूरोएक्टोडर्मल ट्यूमर में अवर वेना कावा भागीदारी के लिए एक पूर्वाभास है?’’ एक केस सीरीज़ और साहित्य की समीक्षा। ज. किडनी कैंसर वी.एच.एल। 2020 अक्‍तूबर 12;7(4):8-16। डी.ओ.आई: 15586/ jkcvhl.2020.153। पी.एम.आई.डी: 33178554; पी.एम.सी.आई.डी: पी.एम.सी 7594836।
  4. कालरा .एस, गुप्ता .पी, दुरैराजन .एल.एन, रामनिधरन .एम, श्रीनिवासन .एस.के, होठा .एस – ‘’क्या सफल यूरेथ्रल कैलिब्रेशन महत्वपूर्ण महिला यूरेथ्रल स्टेनोसिस को बाहरकरता है? कन्फ्यूडर का सामना करना - सफलतापूर्वक इलाज की गई महिला मूत्रमार्ग की सख्ती का परिणाम विश्लेषण।‘’ इंट ब्रेज़ ज. यूरोल। 2021 जुलाई-अगस्त;47(4):829-840। डी.ओ.आई: 1590/S1677-5538. आई.बी.जे.यू.2020. 0857। पी.एम.आई.डी: 33848077।
  5. तहमीना .एस, डैनियल .एम, कालरा .एस – ‘’ रिफ्लेक्स औरिया मायोमेक्टोमी के बाद तीव्र गुर्दे की चोट का कारण बनता है’’: एक केस रिपोर्ट। ज. ओब्स्टेट गायनकोल रेस। 2021 मार्च;47(3):1195-1198. डी.ओ.आई: 1111/जॉग.14686।एपब 2021 31 जनवरी। पी.एम.आई.डी: 33522051।
  6. पड्याला .एम.के, कालरा .एस, दुरैराजन .एल.एन – ‘’ब्लैडर नेक क्लोजर के साथ एंटरोसिस्टोप्लास्टी के मामले में यांग-मोंटी चैनल से असंयमित असंयम का प्रबंधन - चुनौतियां और एक संशोधित सर्जिकल तकनीक।‘’ इंडियन ज. यूरोल 2021;37:180-2।
  7. सुब्रमण्यम .एच, पारेपल्ली. डी, श्रीनिवास .बी.एच, गोछहैत .डी, श्रीराग .के.एस – ‘’लिम्फ नोड मेटास्टेसिस के साथ प्राथमिक रेनल एंजियोसारकोमा’’ - एक गंभीर परिणाम के साथ एक दुर्लभ पेचीदा दुर्दमता।मूत्रविज्ञान। 2021 फरवरी 20:S0090-4295(21)00192-8। पी.एम.आई.डी: 33621584।
  8. बोक्का .एस.एच, कोडक्कटिल श्रीनिवासन .एस, मेहरा .के, मिथेले थिरुवोथ .एफ – ‘’ फ्लैप्स इन एडल्ट यूरेथ्रोक्यूटेनियसफिस्टुला रिपेयर: ए रिपोर्ट ऑफ टू केस विद द रिव्यू ऑफ लिटरेचर।‘’ बी.एम.जे केस रेप. 2021 अप्रैल 19;14(4):e236475। पी.एम.आई.डी: 33875497; पी.एम.सी.आई.डी: पी.एम.सी 8057577।
  9. बोक्का .एस.एच, श्रीनिवासन कोडक्कटिल .एस, मणिकंडन .आर, लालगुडी नारायणन .डी, .एम.एच, कालरा .एस, बीजू .पी – ‘’ जटिल गुर्दे औरअधिवृक्क घावों के सर्जिकल प्रबंधन के लिए संशोधित मकुची चीरा का उपयोग।‘’ क्योरस। 2020 अक्‍तूबर 18;12(10):e11012। पी.एम.आई.डी: 33214941; पी.एम.सी.आई.डी: पी.एम.सी 33522051
  10. इलांथमिलन .जे, जयंती .एम, झरना .एम, दीपांजलि .एस, श्रीनिवासन .एस.के – ‘’यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन वाले मरीजों में एमिकैसीन के एक बार दैनिक आहार परचिकित्सीय दवा निगरानी का प्रभाव’’ : एक संभावित अवलोकन अध्ययन। वहां ड्रग मोनिट।2020 दिसंबर; 42(6):841-847। पी.एम.आई.डी: 32947556। 
  11. दत्त .यू.के, कुमार .एस, दुरैराजन .एल.एन, बधे .बी.ए, मणिकंडन .आर, सिंह .एस – ‘’ प्रोस्टेट के ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन के दौरान पेरीऑपरेटिव ब्लड लॉस पर प्रीऑपरेटिव फाइनस्टेराइड काप्रभाव और सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया वाले रोगियों में माइक्रोवेसल घनत्व पर’’ : एक खुला लेबल एक रैन्ड्माइज़्ड कंट्रोल्ड ट्रॉयल। यूरोल एन 2021; 13: 199-204।
  12. मेहरा .के, मणिकंडन .आर, दुरैराजन .एल.एन, श्रीरेखा .जे – ‘’सरकोमैटॉइड भेदभाव के साथ विशाल क्रोमोफोबरीनल सेल कार्सिनोमा का एक दुर्लभ मामला’’: उपचार और रोग का निदान। ज.कैन रेस थेर 2021;17:602‐5।
  13. मणिकंदन .आर एवं अन्‍य– ‘’जिपमेर मृतक दाता गुर्दा प्रत्यारोपण समिति (जे.डी.डी.टी.सी)। जिपमेरअनुभव- एक मृत दाता प्रत्यारोपण कार्यक्रम की स्थापना और भारत में एक सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पताल में इसका प्रभाव- भारत से एक एकल केंद्र अनुभव।‘’ इंडियन ज. ट्रांसप्लांट 2020;14:321-32।
  14. बोक्का .एस, मणिकंडन आर, दुरैराजन .एल.एन, श्रीवत्सा .के, श्रीनिवासन श्रीराग .के, कालरा .एस, पोट्टाक्‍काट .बी। ‘’शिरापरक ट्यूमर थ्रोम्बस के साथ रीनल सेल कार्सिनोमा केपेरिऑपरेटिवऔर ऑन्कोलॉजिकल परिणाम। यूरोलोगिया। 2021 मार्च 29:3915603211007030। डी.ओ.आई: 1177/03915603211007030। प्रिंट से पहले ऑनलाइन। पी.एम.आई.डी: 33781146।
  15. मणिकंडन, आर, महादेवप्पा .के, दुरैराजन .एल.एन. एवं अन्‍य – ‘’अपर ट्रैक्ट ऑब्सट्रक्शन के साथ कार्सिनोमा सर्विक्स में अल्ट्रासाउंड-गाइडेड परक्यूटेनियस नेफ्रोस्टॉमी के परिणाम।‘’  इंडियन ज. गाइनकोल ऑन्कोलॉजी 18, 123 (2020)। https://डी.ओ.आई: .org/10.1007 /s40944-020-00470।
  16. मेहरा .के, मणिकंडन .आर, दुरैराजन .एल.एन, श्रीनिवासन कोडक्कटिल .एस, कालरा .एस – ‘’ यूरेरलस्टेंट की लंबाई का प्रभाव और स्टेंट से संबंधित लक्षणों और मरीजों के जीवन की गुणवत्ता पर ब्लैडर में स्टेंट कॉइल की स्थिति।‘’ क्योरस। 2020 नवंबर 24;12(11):e11669। डी.ओ.आई: 7759/cureus.11669। पी.एम.आई.डी: 3339190।
  17. प्रांजल गुप्ता, उदय सुंदरराजन, नॉर्टन स्टीफन, राजेश नाच्चियप्पा गणेश, लालगुडी नारायणन दुरैराजन, रामनिधरन मणिकंडन, श्रीराग .के.एस, सिद्धार्थ कालरा – ‘’ऊपरी मूत्र पथ के प्राथमिक ट्यूबलोविलस एडेनोकार्सिनोमा’’: एक दुर्लभ गैर-यूरोथेलियल नियोप्लाज्म, कैंसर में वर्तमान समस्याएं: केस रिपोर्ट, खंड 2,2020,100027,ISSN 2666-6219। https://डी.ओ.आई: .org/10.1016/j.cpccr.2020.100027.
  18. मेहरा .के, मणिकंडन .आर, दुरैराजन .एल.एन, श्रीराग .के.एस, कुमार .आर – ‘’डे एंड नाइट सर्जरी: डेड डोनररीनल ट्रांसप्लांट में परिणामों की तुलना सर्जन के दृष्टिकोण के साथ विषमघंटों में संचालित करने के लिए’’ - एक संभावित अवलोकन अध्ययन। इंडियन ज. ट्रांसप्लांट 2020;14:224‐9।
  19. अर्जुनलाल .टी.एस, दीपांजलि .एस, मणिकंडन .आर, मेधा .आर – ‘’ज्वर मूत्र पथ के संक्रमण वाले पुरुषों में प्रोस्टेटिक भागीदारीकी आवृत्ति और नैदानिक ​​​​महत्व’’ : एक संभावित अवलोकन अध्ययन [संस्करण 3; सहकर्मी समीक्षा: 2 स्वीकृत]।F1000Research 2020, 9 :617 ( https://डी.ओ.आई: .org/10.12688/f1000research.24094.3 )
  20. मेहरा .के, मणिकंडन .आर, दुरैराजन .एल.एन, श्रीनिवासन कोडकट्टिल .एस, कालरा .एस, कुमार आर, मुरली पी – ‘’टू-स्टेज तकनीक में ब्राचियोबैसिलिक आर्टेरियोवेनस फिस्टुला केट्रांसपोजिशन के परिणाम’’ : साहित्य समीक्षा के साथ एक एकल केंद्र अनुभव। क्योरस। 2020 अगस्त 22;12(8):e9949। डी.ओ.आई: 7759/cureus.9949। पी.एम.आई.डी: 32983655; पी.एम.सी.आई.डी: पी.एम.सी 7510181।
  21. रम्या .के, कृष्णमूर्ति .एस, मणिकंडन .आर, शिवमुरुगन .पी, नरेदी .बी.के, करुणाकर .पी – ‘’मेटाबोलिक और दक्षिणी भारत से यूरोलिथियासिस वाले बच्चों की नैदानिक ​​​​विशेषताएं।‘’ भारतीय ज.बाल रोग विशेषज्ञ। 2021 अप्रैल; 88(4):345-350। डी.ओ.आई: 1007/एस12098-020-03455-0। ई.पब 2020 अगस्त 1। पी.एम.आई.डी: 32737767।
  22. मिश्रा .ए.के, दुरैराजन .एल.एन, मणिकंडन .आर, पिल्लै .ए.ए –‘’रक्तस्रावी यूरोवास्कुलर आपात स्थितियों के प्रबंधन में एंजियोएम्बोलाइज़ेशन की भूमिका: पूर्वव्यापी कोहॉर्ट अध्ययन। इंडियन ज. वैस्क एंडोवास्क सर्ज XX;XX:XX (प्रेस में)।
  23. मिश्रा .ए.के, कुमार .एस, दुरैराजन .एल.एन, मणिकंडन .आर, रामकुमार .जी, श्रीराग के.एस – ‘’यूरेटेरल और रीनल मॉर्फोमेट्री का यूरेरोरेनोस्कोपिक लिथोट्रिप्सी के परिणाम पर अध्ययन: यूरेटेरल स्टोन इंफेक्शन की साइट पर अधिकतम यूरेटरल वॉल थिकनेस की महत्वपूर्ण भूमिका।‘’ यूरोल ऐन 2020;12:212-9 डी.ओ.आई: :10.4103/UA.UA_95_19।
Last Updated :02-Sep-2022