सामान्य जानकारी

मूत्ररोग विज्ञान विभाग वर्ष 1979 में आरंभ हुआ था और केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के अंतर्गत आने वाले किसी भी संस्थान में स्थापित होने वाला पहला विभाग था। इसके बाद 1987 में एम.सी.एच. (मूत्ररोग विज्ञान) स्यूपर स्पेशिऐल्इटी उपाधि पाठ्यक्रम शुरू किया गया। यह जिपमेर, पांडिचेरी में शुरू होने वाला पहला स्यूपर स्पेशिऐल्इटी पाठ्यक्रम था और केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के अंतर्गत आने वाले किसी भी संस्थान में स्थापित होने वाला प्रथम मूत्ररोग विज्ञान स्यूपर स्पेशिऐल्इटी पाठ्यक्रम था। मूत्ररोग विज्ञान विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में पीडिऐट्रिक एन्डोस्कोपी, यूरोडाइनैम्‍इक्स, इमेज द्वारा मार्गदर्शित यूरोलॉजिकल इन्‍टव़ेन्‍शन, ऊपरी और निचले मूत्र मार्ग की एन्‍डोडोयूरोलॉजी, वृक्क की पथरी के उपचार के लिए एक्स्ट्राकोर्पोरिअल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी, रिकंस्ट्रक्टिव यूरोलॉजी, मूत्र असंयम का उपचार, पुरुषों में यौन अपक्रिया और बाँझपन का उपचार, यूरोलॉजिकल लैपरोस्कोपी, जननांग-मूत्र कैंसर सर्जरी और वृक्क प्रतिरोपण सर्जरी शामिल हैं। दिसंबर 2013 में मृतक दाता अंग हार्वेस्टिंग और मृतक दाता वृक्क प्रतिरोपण शुरू किया गया था। 2014 में इन सेवाओं को और विकसित और मानकीकृत किया गया। रोगियों के लिए सेवाओं को अधिक सुगम बनाने के लिए, मई 2015 में विशेष क्‍लिन्‍इक शुरू किए गए।

इनमें यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस क्लिन्इक, मेल इनफर्टिलिटी क्लिन्इक, रीनल ट्रॉन्‍सप्लान्ट सर्जरी क्लिन्इक और वैस्क्यूलर एक्सेस सर्जरी क्लिन्इक शामिल हैं। अप्रैल 2014 में रोगियों की सुरक्षा के साथ बिना किसी समझौते के स्‍नातकोत्‍तर शिक्षा को उन्‍नत करने के लिए मूत्ररोग विज्ञान कौशल प्रयोगशाला स्‍थापित की गई। एक नई प्रक्रिया, बाइपोलर सेलाइन ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन शुरू की गई जो प्रोस्टेट के रिसेक्शन की एक अधिक सुरक्षित तकनीक है। संकाय सदस्य समाज में संबद्ध मूत्ररोग संबंधी रोगों के अनुकूल प्रबंधन के लिए अनुसंधान गतिविधियों में लगे हैं। वर्ष 2016 में विभाग ने पीडिऐट्रिक डिसीज्‍़ड डोनर के माध्‍यम से प्रथम एन-ब्‍लाक वृक्‍क प्रत्‍यारोपण किया। यह हमारे देश में वृक्‍क प्रत्‍यारोपण के लिए रिपोर्ट किए गए सबसे कम उम्र के प्रदाताओं में से एक है। विभाग ने यूरिनरी-मूत्राशय कैंसर और पुरुष मूत्रमार्ग के कैंसर के व्यापक प्रबंधन के लिए यूरो-ऑन्कोलॉजी में इलाज प्रबंधन विस्तार से किया है। मूत्ररोग विज्ञान विभाग ने जिपमेर में मल्टीडिसिप्लिनरी रोबोटिक सर्जिकल यूनिट के रूप में पहली रोबोटिक शल्यचिकित्सा की गई। विभाग ने लगभग 200 रोबोटिक प्रक्रियाओं को पूरा किया है, जिसमें एब्लेटिव और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी शामिल हैं। इनमें आंशिक सर्जिकल प्रक्रियाएं जैसे कि आंशिक नेफरेक्टोमी, इंट्राकॉर्पोरियल यूरिनरी डायवर्सन के साथ रैडिकल सिस्टोप्रो स्टेटक्टॉमी, यूरेटेरिक टॉइलरिंग तथा रीइम्प्लांटेशन तथा अनुकूल परिणामों के साथ रिटेरोकालिकोस्टोमि आदि शामिल हैं। विभाग ने कॉम्‍पलेक्‍स फ़ीमेल व़ॉइडिंग डिस्फ़न्‍कशन के प्रबंधन में सर्जिकल प्रक्रियाएं शुरू की है।

Last Updated :02-Sep-2022