अनुसंधान

क)  पूर्ण  अनुसंधान

  1. Sjogren सिंड्रोम में सूखी आंखों वाले रोगियों में आई ड्रॉप के रूप में उपयोग किएजाने वाले ऑटोलॉगस प्लाज्मा का प्रभाव, Sjogren सिंड्रोम के रोगियों कीसूखी आंखों में चिकित्सीय विकल्प के रूप में ऑटोलॉगस प्लाज्मा आई ड्रॉप केसाथ भारतीय आबादी में पहला अध्ययन किया गया था-कुल 16 रोगी जो थे प्राथमिक Sjogren सिंड्रोम के रूप में निदान अध्ययन के लिए प्रतिभागियों के रूप में शामिल किया गया था।आंखों के सूखेपन के मानकीकृत रोगी मूल्यांकन (स्पीड) स्कोर में वृद्धि के रूप में व्यक्तिपरक लक्षण सुधार महत्वपूर्ण थे।टियरफिल्म ब्रेक अप टाइम (टी.एफ.बी.यू.टी) जैसे उद्देश्य संकेतों में शिमर स्कोरकी तुलना में मामूली सुधार था, जिसमें कम सुधार हुआ था।इसअध्ययन के बाद दी गई सिफारिश थी कि ऑटोलॉगस प्लाज्मा को सोजोग्रेनसिंड्रोम में सूखी आंखों की बीमारी में एक सुरक्षित चिकित्सीय विकल्प केरूप में देखा जा सकता है।
  2. दक्षिणी भारत के एक तृतीयक देखभाल अस्पताल में स्वस्थ रक्त दाताओं के बीच डेंगू NS1 प्रतिजन की व्यापकताअनिवार्य आधान संचरित संक्रमण (TTI) स्क्रीनिंग के बाद अध्ययन में कुल 968 स्वस्थ दाता नमूनों को शामिल किया गया था। 968 नमूनों में 929 (96%) पुरुष थे और 39 (4%) महिलाएं थीं।डोनर के नमूनों में डेंगू NS1 एंटीजन का पता लगाने के लिए एलिसा पद्धति का उपयोग किया गया। 0.9% की व्यापकता दर के साथ कुल नौ नमूनों का परीक्षण सकारात्मक रहा। इसलिए यह सिफारिश की गई थी कि अत्यधिक बारिश/ मानसून के बाद के मौसम के दौरान रक्तदान के लिए आने वाले सभी स्पर्शोन्मुख दाताओं में एनएस1 एंटीजन केसंभावित मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, यदि अन्य टी.टी.आई केलिए सभी दाताओं के अनिवार्य परीक्षण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
  • प्राप्त अनुदान

क्रम सं.

प्रधान अन्वेषक का नाम

राशि (रु.)

अवधि के लिए अनुदान

अनुदान एजेंसी

1

डॉ. राजेंद्र जी कुलकर्णी

1,49,983.00

2020-21

(एकल अनुदान)

भीतरी अनुदान

2

डॉ. राजेंद्र जी कुलकर्णी

2,00,000.00

2020-21

(एकल अनुदान)

भीतरी अनुदान

3

डॉ. बी. अभिषेक

1,97,505.00

2021-22

(प्रथम और द्द्वितीय)

भीतरी अनुदान

4

डॉ. दिव्यज्योति साहू

2,00,000.00

2021-22

(प्रथम और द्द्वितीय)

भीतरी अनुदान

प्रकाशन - .इंडेक्‍ज़्ड जर्नल्स

  1. बीजी शशिधर, बी. अभिषेक, एस. उमाकांतन – ‘’ कोविड-19 के प्रबंधन में वर्तमान पहलू। उन्नत अनुसंधान और समीक्षा के विश्व जर्नल; 2020: 8 (1), 86-92।‘’ भारत में कोविड-19 का उदय: एक लोको-क्षेत्रीय, सामुदायिक परिप्रेक्ष्य और इसका प्रबंधन।
  2. ए. बसवराजगौड़ा, सी. बम्मिगट्टी, एस. उमाकांतन, एस. बिन्नामंगला – ‘’वर्ल्ड जर्नल ऑफ रिसर्च एंड रिव्यू,’’ 2020: 11 (2): 36-40 ।        
  1. ज.ज्ञानराज, सी. अर्जुनन, ए. बसवराजगौड़ा – ‘’एफेरेसिस किट ब्लड फिल्टर का ऑवरग्लास बैलूनिंग।‘’ जर्नल ऑफ क्लिनिकल एफेरेसिस 2020; 35 (4): 376-377।

 

  1. ज.चेरुकट, ए. बसवराजगौड़ा- ‘’ग्रीन प्लाज्मा डे क्या नसबंदी एजेंट था अपराधी?’’ ग्लोबल जर्नल ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन 2020: 5 (2); 234-234।
  2. आर. रमाकांत, बी. अभिषेक – ‘’दक्षिण भारत में एक तृतीयक देखभाल केंद्र में रक्त उपयोग गुणवत्ता संकेतक।‘’ ग्लोबल जर्नल ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन 2020: 5 (2), 206-8।
  3. एस. अनुराग, डी. साहू, बी. अभिषेक – ‘’मल्टीपल मायलोमा में डारतुमुमाब के कारण क्रॉसमैच असंगति का समाधान।‘’ ग्लोबल जर्नल ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन 2020: 5 (2); 225-7.
  4. एस. कण्‍णन, आर. कुलकर्णी, ए. बसवराजगौड़ा – ‘’O रक्त समूह के व्यक्तियों और उन से जुड़े कारकों के बीच उच्च शीर्षक वाले एंटी-ए और एंटी-बी एंटीबॉडी की व्यापकता।‘’ ग्लोबल जर्नल ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन 2020: 5 (2), 187-91।
  5. ए. बसवराजगौड़ा, के.सी. उषा, एस. मायादेवी – ‘’दक्षिण भारत से एक ही केंद्र में रक्तदान के लिए स्व-स्वीकृत प्रेरक कारक और बाधाएं।‘’ ग्लोबल जर्नल ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन 2020: 5 (1); 34-7 केयर हॉस्पिटल। हेमाटोल इंट ज. 2020, 4(2): 000158।
  6. अनुरागा .एस, साहू .डी, अभिषेक .बी – ‘’मल्टीपल मायलोमा में डारातुमुमाब के कारण क्रॉस मैच असंगति को हल करना।‘’ ग्लोब ज. ट्रांसफस मेड 2020; 5: 225-7।

प्रकाशित पुस्तकें

 पुस्तक में अध्याय

  1. बी. अभिषेक –‘’अनुसंधान क्रियाविधि।‘’ फिजियोलॉजी रेजीडेंसी मेड ईज़ी, पहला संस्करण, 2020: 140-9।
  2. बी. अभिषेक, वाई.सी नलिनी –‘एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए क्या करना पड़ता है?’’ फिजियोलॉजी रेजीडेंसी मेड ईज़ी, पहला संस्करण, 2020: 32-40।
Last Updated :29-Aug-2022