सामान्य जानकारी
शल्यक जठरांत्ररोग विज्ञान में उन्नत उपचार प्रदान करने, प्रशिक्षण हेतु एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2010 में जिपमेर के शल्यक जठरांत्ररोग विज्ञान विभाग की स्थापना की गई थी। यह तीन पूर्ण-कालिक संकाय, नौ एम.सी.एच. रेज़िडेन्ट चिकित्सकों, एक पोस्टडॉक्टरल अध्येता, पी.एच.डी. तथा अनुसन्धान शोधार्थियों, कनिष्ठ रेज़िडेन्ट्स, नर्सिंग एवं अन्य सहायक कर्मचारियों सहित एक 30 बेड्स वाली क्लिन्इकल यूनिट है। विभाग जी.आई. ट्रैक्ट में गंभीर शल्यक समस्याओं से पीड़ित रोगियों का उपचार करता है और यहाँ बहिरंग रोगी क्लिन्इक्स, सामान्य और विशेष वार्डस, इंटेंसिव केयर यूनिट और ऑपरेशन थिएटर मौजूद है। यह गैस्ट्रॉइंन्टेस्टिनल शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में स्यूपर स्पेशिऐलिटि (एम.सी.एच. शल्यक जठरांत्ररोग), पोस्ट डॉक्टरल (एच.पी.बी. सर्जरी में पी.डी.एफ़.) और पी.एच.डी. चलाने वाला देश का एकमात्र शल्यक जठरांत्ररोग विज्ञान विभाग है। विभाग नियमित रूप से रेज़िडेन्सी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करता है तथा नर्सिंग कार्यक्रम चलाता है। विभाग एक सिमुलेशन प्रयोगशाला, स्टोमा क्लिन्इक, लिवर क्लिन्इक और एक आहार क्लिन्इक चलाता है। गंभीर रोगों से पीड़ित रोगियों का उपचार करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएँ एवं उपकरण उपलब्ध हैं। विभिन्न क्षेत्रों में रोगी केन्द्रित अनुसंधान कार्य निष्पादित करना विभाग की सर्वोपरि प्राथमिकताओं में से एक है। नई सेवाओं, कार्यक्रमों एवं आधारिक विकास के क्षेत्रों में विनियोजित विस्तारण कार्य जारी है। रोगी देखभाल में उच्च कोटि की गुणवत्ता और सुरक्षा बनाए रखी जाती है। शल्यक जठरांत्ररोग विज्ञान विभाग, जिपमेर देश में स्पेशिऐलिटि के अग्रणी के रूप में काम करने के लिए आशान्वित है। रोगी देखभाल, शिक्षण एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट विभाग के रूप में कार्य करना हीं लक्ष्य है।
Last Updated :02-Sep-2022