अनुसंधान

क) पूर्ण अनुसंधान

पीजी परियोजनाएं

  1. वृषण घावों के लक्षण वर्णन में अल्ट्रासाउंड इलास्टोग्राफी की नैदानिक ​​सटीकता।
  2. गैर-दर्दनाक तीव्र पेट वाले रोगियों में सीटी पेट के बाद के आदेश से जुड़े नैदानिक ​​और अल्ट्रासाउंड विशेषताएं।
  3. फोकल लीवर घावों को चिह्नित करने में कंट्रास्ट एन्हांस्ड अल्ट्रासाउंड (सी.ई.यू.एस) की नैदानिक ​​सटीकता। सी.ई.यू.एस फोकल लीवर घावों वाले 66 रोगियों में किया गया था और निष्कर्षों की तुलनाकंट्रास्ट एन्हांस्ड सीटी (सी.ई.सी.टी) या हिस्टोपैथोलॉजिकल परीक्षा से की गईथी। अध्ययन से पता चला हैकि सी.ई.यू.एस द्वारा फोकल यकृत घावों का लक्षण वर्णन पारंपरिक यू.एस.जी की तुलना में स्पष्ट रूप से बेहतर था और सीईसीटी से तुलनीय था। सी.ई.यू.एस में घातक और सौम्य यकृत घावों के विभिन्न उपप्रकारों के निदान में उत्कृष्ट संवेदनशीलता और विशिष्टता पाई गई।
  4. तीव्र अग्नाशयशोथ की गंभीरता के मंचन में कंट्रास्ट एन्हांस्ड अल्ट्रासाउंड (सी.ई.यू.एस) की भूमिका।

संदर्भमानक के रूप में सीईसीटी के साथ तीव्र अग्नाशयशोथ की गंभीरता को ग्रेडकरने में इसकी नैदानिक ​​​​सटीकता का आकलन करने के लिए तीव्र अग्नाशयशोथ के 56 रोगियों में सी.ई.यू.एस का प्रदर्शन किया गया था। सी.ई.यू.एस (CEUS) को अग्नाशयी परिगलन का पता लगाने और तीव्र अग्नाशयशोथ की गंभीरता को ग्रेड करने के लिए 94.6% की नैदानिक ​​​​सटीकता पाई गई थी। सी.ई.यू.एस (CEUS) का उपयोग उन रोगियों में एक विकल्प के रूप में किया जा सकता है जहां सी.ई.सी.टी. (CECT) को कान्‍ट्राइन्डिकेटेड (contraindicated) है जैसे कि तीव्र गुर्दे की विफलता वाले रोगियों में।

  1. मधुमेह अपवृक्कता में ध्वनिक विकिरण बल आवेग इमेजिंग द्वारा वृक्क पैरेन्काइमल कठोरता का आकलन - एक क्रॉस सेक्‍शनल स्‍टडी।

इस अध्ययन में, ए.आर.एफ.आई (एकॉस्टिक रेडिएशन फोर्स इंपल्स) इमेजिंग द्वारानिर्धारित दोनों किडनी का माध्य शीयर वेव वेग प्रोटीन मेह वाले मधु मेहरोगियों में प्रोटीनूरिया के बिना उन गैर-मधुमेह रोगियों की तुलना में काफीकम था।इस प्रकार, वृक्कएआरएफआई इमेजिंग डायबिटिक नेफ्रोपैथी की जांच और निदान के लिए एक नयागैर-आक्रामक, उद्देश्यपूर्ण, तेज, आसान और प्रतिलिपि प्रस्तुत करने योग्यउपकरण हो सकता है।

  1. डिफ्यूजनवेटेड इमेजिंग की क्लिनिकल यूटिलिटी और डायनेमिक कंट्रास्ट ने एम.आर.आई को इमेजिंग बायोमार्कर के रूप में कार्सिनोमा सर्विक्स में कीमो रेडिएशनथेरेपी की प्रतिक्रिया की भविष्यवाणी करने के लिए बढ़ाया।कार्सिनोमागर्भाशय ग्रीवा वाली 31 महिलाओं में अध्ययन किया गया था और यह देखा गया कि अवशिष्ट रोग समूह में औसत पूर्व-उपचार एडीसी मान पूर्ण प्रतिक्रिया समूहकी तुलना में कम थे, हालांकि यह अंतर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण नहीं था। आर.ओ.सी वक्र के नीचे के क्षेत्र से, यह पाया गया कि पूर्व-उपचार ए.डी.सी मूल्य 548 और 0.947 के 95% विश्वास अंतराल के साथ ~ 75% (0.747) की सटीकता के साथ पूर्ण उत्तरदाताओं की सही प्रिडिक्‍ट कर सकता है।
  2. 79 महिलाओं में प्रारंभिक गर्भावस्था में व्यवहार्यता की सटीक प्रिडिक्‍ट के लिए जन सांख्यिकीय, नैदानिक ​​और अल्ट्रासाउंड चर पर आधारित सरल स्कोरिंग प्रणाली की भूमिका। पहली तिमाही के बाद प्रारंभिक गर्भावस्था के परिणाम की भविष्यवाणी करने के लिएमातृ आयु, रक्तस्राव की गंभीरता और यू.एस.जी चर के स्कोर के संयोजन में उच्च संवेदनशीलता और अच्छी विशिष्टता पाई गई। कुल स्कोर ~ 8.5 का एक कट ऑफ मूल्य प्राप्त किया गया था , जिसमें गर्भधारण का स्कोर 5 के बराबर या उससे अधिक था, जिसमें पहली तिमाही के बाद व्यवहार्यता की 98.6% संभावना थी। 8. फोकल रीनल घावों के लक्षण वर्णन में कंट्रास्ट की नैदानिक ​​सटीकता को बढ़ाया।
  3. थायराइडनोड्यूल्स के सोनोग्राफिक मूल्यांकन के लिए थायराइड इमेजिंग रिपोर्टिंग और डेटा सिस्टम (टी.आई.आर.ए.डी.एस) के यूरोपीय, कोरियाई और अमेरिकी कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजी (ए.सी.आर) दिशानिर्देशों के नैदानिक ​​​​प्रदर्शन की तुलना।

ख) प्राप्त अनुदान 

क्रम सं.

 

प्रधान अन्‍वेषक

शीर्षक

ऐजेंसी

अनुदान राशि

(रुपये) 

1

डॉ. सुनीता .वी.सी

 

‘’भारतीय महिलाओं में पहली तिमाही में प्रीक्लेम्पसिया स्क्रीनिंग के लिए मातृक्लिनिक जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल, गर्भाशय धमनी पल्सेटिलिटी इंडेक्स, औरसीरम प्लेसेंटल ग्रोथ फैक्टर के संयोजन पर आधारित जोखिम गणना एल्गोरिदम की भूमिका।‘’

जिपमेर भीतरी अनुदान  

70,000/-

2

डॉ. सुनीता .वी.सी

 

‘’गैर-पल्पेबल स्तन घावों के लिए स्टीरियोटैक्टिक और यूएस निर्देशित कोर बायोप्सी की नैदानिक ​​​​सटीकता।‘’

जिपमेर भीतरी अनुदान

200000/-

2 वर्षों के लिये

3

डॉ. ए. सुभथरा

‘’इसके विपरीत वर्धित अल्ट्रासाउंड द्वारा सौम्य और घातक थायरॉइड नोड्यूल्स का मूल्यांकन।‘’

जिपमेर भीतरी अनुदान

1,49,000/-

2 वर्षों के लिये

 

ग) प्रकाशन - इंडेक्ज़्ड जर्नल्स  

  1. नरेंद्र .एन.आर, श्रीनिवासन .के, बिस्वजीत .डी, बधे .ए.बी, इलंगोवन .एस, विजयकुमार .सी – ‘’Ki 67 एक्सप्रेशन एंड इट्स एसोसिएशन विद रिस्पॉन्स टू नियोएडजुवेंट कीमोथेरापि इन ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर।‘’ नाइजर ज. सर्जन 2021।
  2. चटर्जी .डी, नागराजन कश्मीर, नारायण .एस – ‘’3 के साथ गणना टोमोक्राफिक एंजियोग्राफी संबद्ध द्वारा लक्ष्मी नरसिम्हन आर क्षेत्रीय लेप्‍टोमेनिन्‍गल जमानत स्कोर - तीव्र इस्कीमिक स्ट्रोक में महीने के नैदानिक परिणाम।‘’ ब्रेन सर्कुलेशन 2020; 6(2): 107-115।
  3. दत्ता .एस, छापा .यू, अंसारी .एम.आई, वाका .एस, जैन .ए, अभिनय .आर, नागराजन .के, विष्णु प्रसाद .एन.आर – ‘’लिवर बायोप्सी के बाद धमनी-यकृत शिरापरक फिस्टुला: एक दुर्लभ मामले की रिपोर्ट और साहित्य की समीक्षा।‘’ वास्क एंडोवास्क सर्ज 2021; 55(2): 177-182 doi 10.1177/1538574420954300।
  4. नागराजन .के, मंजुबाशिनी .डी, अमुथाभारती .एम, पापा .डी, वाड्वेकर .वी, नारायण .एस.के –‘’पेरिपार्टम एन्सेफैलोपैथी में चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग’’ : एक सचित्र समीक्षा। ज. न्यूरोसी रूरल प्रैक्टिस डी.ओ.आई: : 1055/ s -0041-1727300।
  5. नागराजन .के, अरुल .ए, सबरीश .एस, इलंगो .एस, रमेश बाबु .के, सक्सेना .एस.के – ‘’पेरिओरिबिटल इनर कैंथल धमनीविस्फार विकृतियां: तीन मामलों में पर्क्यूटेनियस गोंद एम्बोलिज़ेशन।‘’ ज. क्लिन इंटरवेन रेडिओल 2020; 4(01): 55-59. डी.ओ.आई: 1055/s-0039-3401328।
  6. नागराजन .के, सुनीलकुमार .डी, विष्णु प्रसाद .एन.आर, अमुथभारती.एम –‘’पुरानी अग्नाशयशोथ केएक मामले में बाएं गैस्ट्रिक स्यूडोएन्यूरिज्म: साहित्य की समीक्षा के साथ एक केस रिपोर्ट।‘’ वास्क एंडोवास्क सर्ज 2021; 55(1): 73-76. डी.ओ.टाई. 1177/1538574420954309।
  7. नागराजन .के, अमुथभारती .एम, कृष्णन .बी, सबरीश .एस, सरवणन .आर –‘’मैक्सिलो-मैंडिबुलर वैस्कुलर मालफॉर्मेशन: चार मामलों की रिपोर्ट।‘’ ज. क्लिन इंटरवेन रेडिओल 2021 डी.ओ.आई: 1055/s-0041-1728997।
  8. नागराजन .के, वेंकटरमन .ए – ‘’ऑप्टिक तंत्रिका कोलोबोमा में पतला खंड 3 डी स्थिर-राज्य एम.आर.आई। न्यूरो-ऑप्थल्मोलॉजी 2020 डी.ओ.आई: 1080/01658107.2020. 17348459. नीति .डी, नागराजन .के, मनोरंजीतकुमारी .एम, बल्ला .एल.के, चौहान .एस – ‘’सिस्ट और सतही साइडरोसिस के साथ राइटट्राइगोनल कैवर्नोमा।‘’ इंडियन ज. न्यूरोसर्ज 2021; डी.ओ.आई: : 10.1055/s-0041-1727424।
  9. रवीन्द्रनाथ .वी, डैश .पी.के, नागराजन .के, कविता .टी, स्वाति .एस – ‘’स्कल बेस एंगल मॉर्फोमेट्री इन साउथ इंडियन पॉपुलेशन विद रिव्यू ऑन टर्मिनोलॉजी।‘’ इंडस्ट्रीज़ ज. न्यूरोसर्ज 2021; डी.ओ.आई: : 10.1055/s-0041-1722824।
  10. सत्‍यप्रभु .ए, श्रावणी .एन, नागराजन .के, सबरीश .एस, कपिल पाटिल – ‘’सीटी हाइपरडेंस पोस्टीरियर फोसा डर्मोइड्स में असामान्य एमआर इमेजिंग विशेषताएं’’ : दो मामलों की रिपोर्ट। इंडियन ज. न्यूरोसर्ज 2020; 09(1): 63-66।
  11. सिन्हा .एन.के, कोहली .पी.एस, नागराजन .के, गोछहैत .डी, गणपति .एस, एलंगो .एस, शिवरामन .जी, पेनुमाडु .पी – ‘’ध्वनिक विकिरण बलआवेग इमेजिंग (ए.आर.एफ.आई) का उपयोग करके मौखिक गुहा कार्सिनोमा में गर्दन नोडमेटास्टेसिस के जोखिम की प्रिडिक्‍ट के लिए एक नामांकन।‘’ ओरल ओन्कोल 2021; 118: 105311. डी.ओ.आई: 1016/j.oraloncology.2021.105311।
  12. श्रावणी .एन, नागराजन .के, नेगी .वी.एस – ‘’ह्यूजेस-स्टोविन सिंड्रोम में एकाधिक फुफ्फुसीय धमनी धमनीविस्फार।‘’ गठिया और रुमेटोलॉजी डी.ओ.आई: :10.1002/art.41759।
  13. श्रावणी .एन, नागराजन .के, वेंकटेश .एम, नेगी .वी.एस, रमेश .ए.एस – ‘’कशेरुका धमनी लूप और गर्भाशय ग्रीवा दर्द।‘’ इंडियन ज. न्यूरोसर्ज 2020; 9: 193-6। डी.ओ.आई: 1055/s-0040-1713057।
  14. श्रीकांत .आर, तारफदार .एस, सुभत्रा .ए, नागराजन .के, पापा .डी – ‘’प्रसार-भारित एम.आर इमेजिंग सौम्य और घातक गर्भाशय द्रव्यमान को अलग कर सकते हैं।‘’ इंडियन ज. गाइनकोल ओंकोल 2020 18: 39।
  15. सुनीलकुमार .डी, नागराजन .के, किरण.एम, सुभत्रा .ए – ‘’सेप्टो-प्रीओप्टिक होलोप्रोसेन्सेफली के साथ लगातार ट्राइजेमिनल धमनी’’ : एक असामान्य संघ की रिपोर्ट। ज. पीडियाट्र न्यूरोल 2020; 18(05): 231-5।
  16. सुनीलकुमार .डी, नागराजन .के, किरण .एम, मंजुबाशिनी .डी, सबरीश .एस – ‘’टेम्पोरो-ओसीसीपिटल स्किज़ेंफली के साथ लगातार फाल्सिन साइनस’’ : साहित्य की समीक्षा के साथ केस रिपोर्ट। चाइल्ड नर्व सिस्ट 2020; 36(2): 417-21।
  17. श्रवणी .एन, रमेश .ए, सुरेशकुमार .एस, विजयकुमार .सी, अब्दुलबासिथ .के.एम, बालसुब्रमण्यम .जी, च टोई .पी – ‘’सौम्य और घातक स्तन द्रव्यमान को अलग करने के लिए कतरनी तरंगइलास्टोग्राफी की नैदानिक ​​​​भूमिका।‘’ एस.ए ज. रेडिओल। 2020 दिसंबर 21; 24(1):1999. डी.ओ.आई: 4102/sajr.v24i1.1999।
  18. रोहन .के, रमेश .ए, सुरेशकुमार .एस, विजयकुमार .सी, अब्दुलबसिथ .के.एम, कृष्णराज .बी – ‘’मैलिग्नेंटसर्वाइकल लिम्फैडेनोपैथी के निदान में बी-मोड और कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड कामूल्यांकन।‘’ क्योरस। 2020 अगस्त 17; 12(8):e9819. डी.ओ.आई: 7759/cureus.9819।
  19. वडलापुडी .एस.एस, जगदीसन .बी, अनंतकृष्णन .आर, नारायणस्वामी .एस – ‘’स्प्लेनिक स्टिफनेस एंड प्लेटलेट काउंट टू प्रेडिक्टवेरिसेस नीड ट्रीटमेंट इन पीडियाट्रिक एक्स्ट्राहेपेटिक पोर्टल वेनऑब्सट्रक्शन।‘’ इंडियन ज. गैस्ट्रोएंटेरोल। 2020 दिसंबर; 39(6):576-583. डी.ओ.आई: 1007/एस12664-020-01099-8।
  20. बॉबबिली .आर.के, दीपांजलि .एस, राजेश .एन.जी, रमेश .ए, मेधा .आर – ‘’रोगियों में तीव्र गुर्दे की चोट, जो कि फीब्राइलमूत्र पथ के संक्रमण के साथ अस्पताल में भर्ती हैं’’ : एक संभावित अवलोकन संबंधी अध्ययन। क्लिन नेफ्रोल। 2021 मार्च; 95(3):127-135. डी.ओ.आई: 5414/सीएन110229।
  21. किलांबी .वाई, हलनाइक .डी, अनंतकृष्णन .आर, मिश्रा .जे– ‘’मायोकार्डियल परफ्यूजन इमेजिंग पर सामान्य छिड़काव औरप्रतिवर्ती छिड़काव असामान्यताओं वाले मरीजों के बीच एपिकार्डियल फैटवॉल्यूम की तुलना।‘’ इंडियन ज. न्यूक्ल मेड. 2021 जनवरी-मार्च; 36(1):1-6. डी.ओ.आई: 4103/ijnm.IJNM_157_20।
  22. मनोहरन .ए, कृष्णमूर्ति .एस, शिवमुरुगन .पी, अनंतकृष्णन .आर, जिंदल .बी – ‘’किडनी और यूरिनरी ट्रैक्ट (CAKUT) के जन्मजात विसंगतियों वालेबच्चों के स्पर्शोन्मुख फर्स्ट डिग्री रिलेटिव्स में गुर्दे और मूत्र पथ कीविसंगतियों के लिए स्क्रीनिंग।‘’ भारतीय ज. बाल रोग विशेषज्ञ। 2020 सितंबर; 87(9):686-691. डी.ओ.आई: 1007/s12098-020-03262-7।
  23. प्रियदर्शिनी .आर, राज .जी.एम, सुंदरम .आर, कयल .एस, रमेश .ए, शेवडे .डी.जी – ‘’नियो-एडजुवेंटकीमोथेरेपी पर दक्षिण भारत के स्थानीय रूप से उन्नत स्तन कैंसर के रोगियोंमें ए.बी.सी.बी 1 जीन पॉलीमॉर्फिज्म और ट्यूमर प्रतिक्रिया के साथ प्लाज्माडोकेटेक्सेल स्तर का संघ।स्तन कैंसर।‘’ 2021 मार्च; 28(2):414-423. डी.ओ.आई: 1007/s12282-020-01177-एक्स।
  24. चिखले .एम, टीई .पी.सी, सिद्धाराजू .एन, अनंतकृष्णन .आर –‘’फाइन-सुईएस्पिरेशन साइटोलॉजी पर इसके मिमिक से हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा को अलगकरने में साइटोमोर्फोलॉजी की ताकत और इम्यूनो-साइटोकेमिस्ट्री की प्रभावकारिता।‘’ साइटोपैथोल का निदान करें। 2021 अप्रैल 30. डी.ओ.आई: 10.1002/24759।
  25. रमेश .डी, मौर्य .डी.के, गोपालकृष्णन .एम.एस, पेगु .बी, अनंतकृष्णन .आर, नायर .पी.पी, कीपनसेरिल .ए। गर्भावस्था के तीसरे तिमाही में प्रस्तुत इंट्रावेंट्रिकुलर न्यूरोकाइस्टिसरोसिस की नैदानिक ​​​​और प्रबंधन चुनौतियां’’ : एक केस रिपोर्ट। ओब्स्टेट मेड. 2021 मार्च; 14(1):57-61. डी.ओ.आई: 1177/1753495X20904895।
  26. गोविंदराजन .के.के, अनंतकृष्णन .आर, जॉकब .एस – ‘’आंत्र धमनी विस्फार विकृति: एक बच्चे में निचले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव का एक असामान्य कारण।‘’ जीई-पुर्तगाली जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी। 2021; 28(3):207-9।
  27. रामसुब्रमण्यम .एन, स्टीफन .एन, गोछहैत .डी, गणेश .आर.एन, पेनुमाडु .पी, सुब्रमणि .पी, रमेश .ए – ‘’एक युवक में मूत्राशय के रबडोमायोसारकोमा को मूत्र कोशिका विज्ञान पर संदेह और पुष्टि की गई। साइटोपैथोलॉजी। 2020 सितंबर; 31(5):468-470. डी.ओ.आई: 1111/साइट.12822।
  28. शशिधरन .जी.एम, लतिका .डी, भारती .डी – ‘’सिर की चोट में सर्जरी की आवश्यकता का अनुमान लगाने के लिए ब्लीड टू ब्रेन अनुपात की व्युत्पत्ति।‘’ न्यूरोल इंडिया। 2020 सितंबर-अक्टूबर;68(5):1151-1156। डी.ओ.आई: 4103/0028-3886.299134। पी.एम.आई.डी: 33109866।
  29. रंगराज .एन, कीपनसेरिल .ए, दुरैराजन .जी, सुब्बैया .एम, नायर .पी.पी, भारती .डी –‘’एक गर्भवती महिला की डायग्नोस्टिक दुविधा एक पृथक छठे तंत्रिका पक्षाघात के साथ पेश करती है: एक केस रिपोर्ट। ओब्स्टेट मेड. 2020 दिसंबर;13(4):195-197। डी.ओ.आई: 1177/1753495X18817167। ई.पब 2019 जनवरी 31. पी.एम.आई.डी: 33343697; पी.एम.सी.आई.डी: पी.एम.सी 7726171।
  30. कोहली .पी, भारती, पेनुमाडु .पी – ‘’जेजुनो-जेजुनल इंटुससेप्शन: ए सर्जिकल क्वैंडरी फ्रॉम फीडिंग जेजुनोस्टॉमी।‘’ ट्रॉप डॉक्टर। 2021 अप्रैल; 51(2):253-254। डी.ओ.आई: 1177/0049475520982684। ई.पब 2021 जनवरी 6। पी.एम.आई.डी: 33407013।
  31. कश्यप .आर, चक्कलक्कूम्बिल .एस.वी, टोई .सी, सथीसन. डी – ‘’मेटाप्लास्टिक स्तन कार्सिनोमा, कैल्सीफाइड ब्रेस्टमास-रेडियो-पैथोलॉजिकल सहसंबंध के रूप में पेश करने वाले ऑसियस भेदभाव के साथ।‘’ द ब्रेस्ट जर्नल। 2020 जून डी.ओ.आई: 10.1111/tbj.13866।
  32. नायर .पी.पी, वाडवेकर .वी, चक्कलक्कूम्बिल .एस.वी, नारायण .एस.के, मारुसानी .आर, मुरगई .ए, थिरुनावुक्करसु .एस, कृष्णमूर्ति .ए, थजाथ .एच.के – ‘’कार्पल टनल सिंड्रोम के लिए समीपस्थ और डिस्टल कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन की तुलना।‘’ स्नायु और तंत्रिका।2020 अप्रैल 12. डी.ओ.आई: 1002/mus.26886. ई.पब 2020 अप्रैल 23।
  33. मोहपात्रा .डी.पी, चक्कलक्कूम्बिल .एस.वी – ‘’अंगूठे मेटाकार्पोफैंगल जोड़ की रेडियल संपार्श्विक लिगामेंट चोट।‘’ इंडियन जर्नल ऑफ प्लास्टिक सर्जरी। 2020 दिसंबर; 53(03):457-8। डी.ओ.आई: 1055/ s -0040-1721864।
  34. शेख .ओ.एच, कुंभर .यू.एस, जैन .ए, चक्कलक्कूम्बिल .एस.वी – ‘’गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और जेनिटोरिनरी ट्रैक्ट्स की भागीदारी के साथ एक युवा रोगी मेंक्लिपेल-ट्रेनायुने सिंड्रोम’’ : एक असामान्य और दुर्लभ प्रस्तुति। बी.एम.जे केस रिपोर्ट सी.पी. 2021 मार्च 1;14(3):e239420।
  35. मोहन .एस.एल, चक्कलक्कूम्बिल .एस.वी, डीकोंडा .एस, मो‍हपात्रा .डी.पी – ‘’कई दुर्लभ सिंड्रोमिक संघों के साथ विस्तारित गोल्डनहर कॉम्प्लेक्स। इंडियन ज. मस्कुलोस्केलेट रेडिओल 2020; 2 (2): 144-8। डी.ओ.आई 25259/ IJMSR_35_2020।
  36. बालगुरूचेट्टी .एल, प्रगतिेश्वरन .जे.के, पोट्टक्काट .बी, गोविंदराजलु .आर – ‘’फोकल लीवर लेसियन डायग्नोसिस के लिए GoogLeNet- आधारित एन्सेम्बल FCNet क्लासिफायरियर।‘’ आई.ई.ई.ई ज. बायोमेड स्वास्थ्य सूचना। 2020 जून; 24(6):1686-94। डी.ओ.आई: 1109/ JBHI.2019.2942774।
  37. मिश्रा .ए.के, कुमार .एस, दुरैराजन .एल.एन, मणिकंडन .आर, रामकुमार .जी, श्रीराग.के.एस, एवं अन्‍य – ‘’यूरेटेरलऔर रीनल मॉर्फोमेट्री का यूरेरोरेनोस्कोपिक लिथोट्रिप्सी के परिणाम पर अध्ययन’’ : यूरेटेरल स्टोन इंफेक्शन की साइट पर अधिकतम यूरेटरल वॉल थिकनेस कीमहत्वपूर्ण भूमिका। उरोल एन 2020;12(3):212-19। डी.ओ.आई: 4103/UA. UA_95_19.
  38. दिवाकर जोस .आर.आर, दिल्लीकुमार .सी.जी, रामकुमार .जी – ‘’प्रभावकारिता और थैलेसीमिया के साथ आधान आश्रित बच्चों में आयरन अधिभार पर डेफेरिप्रोन और डेफेरसिरोक्स के साथ संयुक्त मौखिक केलेशन की सुरक्षा - एक संभावित अवलोकन अध्ययन [प्रिंट से पहले ऑनलाइन प्रकाशित, 2020 जुलाई 13]। भारतीय ज. बाल रोग विशेषज्ञ। 2020;10.1007/s12098-020-03442-5. डी.ओ.आई:1007/एस12098-020-03442-5।
  39. घरपुरे .के.वी, जिंदल .बी, नरेदी .बी.के, कृष्णमूर्ति .एस, धनपति .एच, आदितन .एस, एवं अन्‍य – ‘’पैरेन्काइमल अनुपात (सी.पी.आर) के लिए कैलिक्स: एक अस्पष्टीकृत उपकरण और पाइलोप्लास्टी के अनुवर्ती में इसकी उपयोगिता। बाल चिकित्सा यूरोलॉजी का जर्नल।
  40. ठक्कर .डी.एन, रामसामी .के, आदितन .एस, सेल्वराजन .एस , दुबाशीबी – ‘’दक्षिण भारतीय रोगियों में रोगाणु-कोशिका ट्यूमर के साथब्लोमाइसिन-प्रेरित फुफ्फुसीय विषाक्तता की आवृत्ति और जोखिम कारक।‘’ ज. कैन रेस थेर [प्रिंट से पहले एपब] [उद्धृत 2021 मई 31]।से उपलब्ध:https://www.cancerjournal.net/preprintarticle.asp?id=289132 डी.ओ.आई: 4103/jcrt.JCRT_348_19।
  41. ठक्कर .डी.एन, प्रपबात .आई, आदितन .एस, रामसामी .के, सेल्वराजन .एस, दुबाशीबी – ‘’एक्स.पी.सी. में वेरिएंट , नोक्सा और टी.एल.आर 4 जीन हॉजकिन लिंफोमा रोगियों मेंब्लोमाइसिन -प्रेरित फेफड़ों की चोट से जुड़े नहीं हैं। प्रति मेड। 2020 मई 1;17(3):203-212।एपब 2020 अप्रैल 22। पी.एम.आई.डी: 32320335। डी.ओ.आई 2217/पी.एम.ई-2019-0070।
  42. जैन .ए, श्रीनिवासन .एस.के, मणिकंडन .आर, दुरैराजन .एल.एन, सिस्तला .एस, आदितन .एस – ‘’कम यूरेटेरिक स्टोन वाले रोगियों में सी-रिएक्टिव प्रोटीन और अन्य क्लिनिको-जनसांख्यिकीय कारकों के साथ सहज निष्कासन का संबंध।‘’ यूरोलिथियासिस। 2020;48(2):117-122. डी.ओ.आई:1007/s00240-019-01137-x. 

 घ) प्रकाशन-नॉन इंडेक्ज़्ड जर्नल्स

  1. चौधरी .के, गुरुशंकरी .बी, राजकुमारी .एन, जोसफ .एन.एम, अमरनाथन .ए, सदाशिवम .एस, एवं अन्‍य – ‘’पेट के एडेनोकार्सिनोमा के मामले में पल्मोनरी क्रिप्टो स्पोरिडिओसिस’’ : एक दुर्लभ मामले की रिपोर्ट। ट्रॉप पैरासिटोल 2021; 11:53-5।
  2. निवेदिता .के.एच, रामकुमार .जी, कुमार .डी.एस, कश्यप .आर – ‘’मेटाकार्पोफैंगल ज्वाइंट सेकेंडरी टू रप्टर्ड कैल्सीफिक डोर्सल बर्साइटिस - एक केस रिपोर्ट।‘’ इंडियन ज. मस्कुलोस्केलेट रेडिओल 2020;2(2):152-5।
  3. मोहन .एस.एल, चक्कलक्कूम्बिल .एस.वी, देवराज .एस.के, कश्यप .आर, गणेश .आर.एन – ‘’अग्न्याशय-रेडियो-पैथोलॉजिकल सहसंबंध के हाइपरेंहेंसिंग सॉलिड सीरस सिस्टेडेनोमा की मायावी उपस्थिति।जर्नल ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंड एब्डॉमिनल रेडियोलॉजी। 2021 फरवरी 1.
  4. गर्ग .एस, मौर्य .डी.के, शशिधरन .जी.एम, प्रेम .एस.एस, गणेशन .पी, गोविंदराजलु .आर, प्लाक्काल .एन, कीपनसेरिल .ए – ‘’गर्भावस्था के दौरान निदान पाइनोब्लास्टोमा पुनरावृत्ति में प्रबंधन दुविधाएं।‘’ प्रसूति चिकित्सा। अक्‍तुबर 2020।
  5. वेमुरी .एम, राजाराम .एम, मोहपात्रा .एम, विजयगीता .एम, नेगी .वी, आदितन .एस, च टोई .पी, चंद्रन .बी, और एम, आर. (2021) – ‘’दक्षिण भारत के एक तृतीयक देखभाल केंद्र में अंतरालीय फेफड़ों के रोगों का वितरण।‘’ इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवांस इन मेडिसिन, 8(3), 420-426।

ई) पुस्तक में अध्याय/सम्मेलन की कार्यवाही

  1. डॉ. के. नागराजन – ‘’पॉलडब्ल्यू ब्रेज़ीज़, माडू .जे.सी, बिलर .जे, आर. लक्ष्मी नरसिम्हन, वोल्टरक्लूवर इंडिया 2021 द्वारा 'लोकलाइज़ेशन इन क्लिनिकल न्यूरोलॉजी’’ - साउथ एशियन एडिशन' एड के लिए एक योगदानकर्ता हैं। 
  2. डॉ. के. नागराजन, जोसबिलर, आर. लक्ष्मी नरसिम्हन, एस. मीनाक्षी सुंदरम, वोल्टर क्लूवर इंडिया 2021 द्वारा 'प्रैक्टिकल न्यूरोलॉजी - साउथ एशियन एडिशन' एड पुस्तक के लिए एक योगदानकर्ता हैं।
  3. डॉ. सुनीता कुलपति भारतीय रेडियोलॉजिकल और इमेजिंग द्वारा रेडियोलॉजी कीपाठ्यपुस्तक में ‘’प्‍लेसंटल इमेजिंग ‘’ शीर्षक पर एक पुस्‍तक चैप्‍टर प्रकाशन में याुगदान।
Last Updated :29-Aug-2022