अनुसंधान
पूर्ण अनुसंधान
पीजी अनुसंधान:
- मेटास्टेटिक फेफड़े के कैंसर रोगी छह मिनट के वॉक टेस्ट (6MWT) के साथ कीमोथेरेपी उपचार के परिणाम का सहसंबंध।
- ‘’माध्यमिक सहज न्यूमोथोरैक्स वाले रोगियों में लगातार हवा के रिसाव के प्रबंधन मेंऑटोलॉगस रक्त पैच प्लुरोडिसिस बनाम डॉक्सीसाइक्लिन प्लुरोडिसिस कीप्रभावकारिता की तुलना’’ - एक रैन्डमाइज़्ड कंट्रोल्ड ट्रॉयल।
- ‘’पोस्ट पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस से जुड़े सी.ओ.पी.डी के बीच मेटाबोलिक सिंड्रोम की व्यापकता - एक क्रॉस-सेक्शनल स्टडी।
- क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के साथ वयस्क रोगियों केस्थिर और तीव्र एक्ससेर्बेशनमें न्यूट्रोफिल लिम्फोसाइट अनुपात और प्लेटलेट इंडेक्स में भिन्नता का अध्ययन - एक हॉस्पिटल बेस्ड क्रॉस सेक्शनल स्टडी।
- टेक्नेटियम-99एम (Technetium-99m) का उपयोग करके वायुकोशीय-केशिका झिल्ली पारगम्यता का आकलनडायथिलीन ट्रायमाइनपेंटा एसीटेट (टीसी 99 एम-डीटीपीए) एरोसोल डिफ्यूज सिस्टमिक स्क्लेरोसिस वाले मरीजों में -एक क्रॉस सेक्शनल स्टडी' ।
- एक तृतीयक देखभाल केंद्र, पांडिच्चेरी में स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के बीच तपेदिक के लिए सक्रिय मामले का पता लगाना।
प्राप्त अनुदान
क्रम सं. | प्रधान अन्वेषक का नाम और शीर्षक | राशि (रु.) | अनुदान की अवधि | अनुदान एजेंसी |
1. | डॉ. एस. विनोद कुमार (प्रधान अन्वेषक)
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के साथ वयस्क रोगियों के स्थिर और तीव्र तीव्रता में न्यूट्रोफिल लिम्फोसाइट अनुपात और प्लेटलेट इंडेक्स मेंभिन्नता का अध्ययन - एक हॉस्पिटल बेस्ड- क्रॉस सेक्शनल स्टडी। | आई.एन.आर 33,241/- | जारी 3 वर्ष (जुलाई 2018-जून 2020) | जिपमेर
|
2. | डॉ. धर्म प्रकाश द्विवेदी (प्रधान अन्वेषक)
डिफ्यूजसिस्टमिक स्क्लेरोसिस-एक क्रॉस सेक्शनल स्टडी वाले मरीजों मेंटेक्नेटियम-99 एम डायथिलीन ट्रायमाइन पेंटा एसीटेट (टी.सी 99 एम-डी.टी.पी.ए) एरोसोल का उपयोग कर वायुकोशीय-केशिका झिल्ली पारगम्यता का आकलन। | रु.76,000/-
| 3 वर्ष (जुलाई 2018-जून 2020) | जिपमेर भीतरी अनुदान |
3.
| डॉ. मधुस्मिता मोहंती महापात्रा (प्रधान अन्वेषक) ‘’क्लिनिकल, माइक्रोबायोलॉजिकल एंड फंक्शनल फेनोटाइप ऑफ ब्रोंकिएटेसिस इन ए टर्शियरी केयर हॉस्पिटल, ए डिस्क्रिप्टिव स्टडी।‘’
| रु. 2,00,000/- | 3 वर्ष (जुलाई 2019-2021
| जिपमेर भीतरी अनुदान |
4. | डॉ. जी. विष्णुकांत (प्रधान अन्वेषक) ‘’ट्यूबरकुलर सर्वाइकल एडेनाइटिस का क्लिनिकल और एपिडेमियोलॉजिकल प्रोफाइल- एक अस्पताल आधारित ऑब्जर्वेशनल स्टडी’’ | रु.1,16,000/- | 3 वर्ष जनवरी 2020-दिसंबर 2022 | जिपमेर भीतरी अनुदान |
5. | डॉ. एस. विनोद कुमार (प्रधान अन्वेषक) ‘’एक तृतीयक देखभाल केंद्र में एम्पाइमा के रोगियों के लिए एक रोगसूचक कारक के रूप में रैपिड स्कोर’’ - एक संभावित अवलोकन अध्ययन | रु.1,47,000/- | जुलाई 2019-2022 | जिपमेर भीतरी अनुदान |
1. | डॉ. एस. विनोद कुमार (सह-प्रधान अन्वेषक) ‘’पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस और डोलिचोंड्रोनप्लाटिकालेक्स पराग एलर्जेन का इम्यूनोलॉजिकल और आणविक लक्षण वर्णन और एलर्जिक राइनाइटिस और ब्रोन्कियल अस्थमा में उनकी भूमिका।‘’ | रु.5,24,112.69 | 2015-2021 | जिपमेर भीतरी अनुदान |
2. | डॉ. एस. विनोद कुमार (सह-प्रधान अन्वेषक)
‘’तपेदिक मेनिन्जाइटिस के रोगी से माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस की आणविक निदान तनाव टाइपिंग और ट्रांसक्रिपटोमिक प्रोफाइलिंग।‘’ | रु. 1,75,000/- | 2018-2021 | जिपमेर भीतरी अनुदान |
बाहरी अनुदान :
क्रम सं. | प्रधान अन्वेषक का नाम और शीर्षक | राशि (लाख रुपये में) | अनुदान की अवधि | अनुदान एजेंसी |
1 | डॉ. मंजू .आर (प्रधान अन्वेषक) ‘’तृतीयक देखभाल केंद्र, पांडिचेरी में स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के बीच तपेदिक के लिए सक्रिय मामले का पता लगाना।‘’ | रु. 30,000/- | जारी (जुलाई 2018-जनवरी 2021)
| एनटीईपी- या पीजी थीसिस (वित्त पोषित) |
2 | डॉ मंजू।आर (प्रधान अन्वेषक) ‘’पुदुच्चेरी में एक तृतीयक देखभाल अस्पताल में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के लिए इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स पर रोगियों में सक्रिय तपेदिक कापता लगाना।‘’
| रु.20,000/- | जारी (जून 2019 - जून 2022) | भारतीय क्षय रोग संघ (TAI)
|
3 | डॉ. धर्म प्रकाश द्विवेदी (प्रधान अन्वेषक) आई.सी.एम.आर का नेटवर्क ऑफ पल्मोनरी फाइब्रोसिस (INPF)। | रु.35,35,000/- | जारी (2020-2024) 5 साल | बाहरी अनुदान आई.सी.एम.आर
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4 | डॉ. मधुस्मिता एम. महापात्रा (प्रधान अन्वेषक) ‘’इनहेलर डिवाइस प्रिस्क्रिप्शन के लिए सी.ओ.पी.डी रोगियों में पीक इंस्पिरेटरी फ्लो का आकलन।‘’
| रु. 30,000/- | जारी | टीबी एसोसिएशन ऑफ इंडिया
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5 | डॉ. विष्णुकांत .जी (प्रधान अन्वेषक) ‘’कॉडा -70 स्कोर का उपयोग कर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (AECOPD) केएक्यूट एक्ससेर्बेशन वाले रोगियों का रोग-संबंधी मूल्यांकन - एक अस्पतालआधारित संभावित अवलोकन संबंधी अध्ययन।‘’
| रु. 30,000/- | जारी | टी.बी एसोसिएशन ऑफ इंडिया
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6 | डॉ विष्णुकांत जी (प्रधान अन्वेषक) क्रॉनिकऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के रोगियों के बीच नैदानिक प्रस्तुति, प्रबंधन और परिणाम - भारतीय सीओपीडी रजिस्ट्री (आई.एन.सी.ओ.आर) अध्ययन। | अनुदान के लिए आवेदन किया गया | जारी | अनुदान के लिए आवेदन किया गया |
7. | डॉ. एस. विनोद कुमार (सह प्रधान अन्वेषक) ‘’भारत में सफल टीबी उपचार के बाद फुफ्फुसीय टीबी रोगियों में तपेदिक (टीबी) कीपुनरावृत्ति की रोकथाम में वीपीएम1002 की प्रभावकारिता और सुरक्षा कामूल्यांकन करने के लिए एक बहुकेंद्रीय चरण II/III डबल-ब्लाइंड, रैन्डमाइज़्ड, प्लेसबो कंट्रोल्ड स्टडी।‘’ | आई.एन.आर 74,97,331 | जारी | सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एस.आई.आई.पी.एल), भारत, प्रायोजित क्लिनिकल परीक्षण।
|
1. | डॉ. एस. विनोद कुमार (सह प्रधान अन्वेषक) ‘’तपेदिक के लिए क्षेत्रीय भावी प्रेक्षण अनुसंधान में प्रतिभागियों से डेटा औरनमूने एकत्र करने के लिए सामान्य प्रोटोकॉल (रिपोर्ट इंडिया) कंसोर्टियम।‘’ | रु. 56,91,362
| जारी | जैव प्रौद्योगिकी विभाग, सरकार। ऑफ इंडिया और सी.आर.डी.एफ ग्लोबल, यू.एस
|
2. | डॉ. एस. विनोद कुमार (सह प्रधान अन्वेषक ) ‘’पल्मोनरी और अतिरिक्त फुफ्फुसीय तपेदिक रोगियों में प्रतिरक्षा सेल प्रकारों कीमात्रा और सेल प्रकार विशिष्ट बायोमार्कर अभिव्यक्ति की पहचान’’ | आई.एन.आर. 17,00,000 | जारी | सार्वजनिक स्वास्थ्य, इंग्लैंड
|
3. | डॉ. एस. विनोद कुमार (सह प्रधान अन्वेषक) ‘’लगातार अस्थमा वाले दक्षिण भारतीय रोगियों में इनहेलेशन कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स कीप्रतिक्रिया पर विटामिन डी स्तर से संबंधित विटामिन डी स्तर और आनुवंशिक बहुरूपता का संघा’’ | आई.एन.आर. 12,26,450 | जारी | आई.सी.एम.आर |
प्रकाशन - इंडेक्ज़्ड जर्नल
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- सारकॉइडोसिस ग्रुप (ए.एस.जी) में गठिया, अग्रवाल .वी, अग्रवाल वी, अग्रवाल ए, अग्रवाल पी, चौधरी .ए.सी, घोष .पी, जैन .ए, लॉरेंस .ए, मिश्रा .डी.पी, मिश्रा .आर, मोहपात्रा .एम.एम, नाथ .ए, नेगी .वी.एस, पांड्या .एस, रेड्डी .वी.वी, प्रसाद .एस, शर्मा .ए, शोभा .वी, सिंह .वाई.पी, त्रिपाठी .एस.आर, वाखलू .ए – ‘’सरकोइडोसिस में गठिया: भारत से एक बहुकेंद्रित अध्ययन।‘’ इंट ज. रुम डिस। 2018 सितंबर;21(9):1728-1733। डी.ओ.आई: 1111/1756-185X.13349। ई.पब 2018 सितंबर 5। पी.एम.आई.डी: 30187668।
- रवींद्र चारी, लियो स्नेहा, गोविंदराज विष्णुकांत, राजाराम मंजू –‘’उच्च घनत्व वाले रेडियोलॉजिकल अपारदर्शिता का एक असामान्य कारण।‘’ सलाह रेस्पिर मेड। 2020; 88: 157–159।
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प्रकाशन-नॉन इंडेक्ज़्ड जर्नल्स
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- एम.टी. फ़्रीजी, देवीप्रसाद मोहपात्र, प्रशांत पेनुमाडु, मधुस्मिता मोहपात्रा –‘’तपेदिक टेनोसिनोवाइटिस के चावल निकाय।‘’ इंडियन जर्नल ऑफ सर्जरी। 2020 जुलाई 2: Pg1-2।
- मोहपात्रा मोहंती मधुस्मिता, राजाराम मंजू, द्विवेदी धर्म प्रकाश, गोविंदराज विष्णुकांत, उपाध्याय प्रताप –‘’कोविड -19 के लिए उपचार के विकल्पों का अवलोकन। बुनियादी और नैदानिक औषध विज्ञान की अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका।‘’ 2020 नवंबर:9(11) पीजी- 1770-1777।
- मोहपात्रा .डी.पी, साहू .जे.पी, मोहपात्रा .एम.एम, कर .एस.एस, कल्याणी .एस, रॉय .ए-‘’ ओपन एक्सेस मैसेड ज. मेड साइंस।‘’ 2020 फरवरी 5:6(E) 60-64।
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- विष्णुकांत .जी, रवींद्र .ए.जी, सेल्वराजा .सी, नरेनचंद्र .वी – ‘’दाएं ऊपरी क्षेत्र की अस्पष्टता का एक असामान्य कारण -अजीगस विदर।‘’ ज. असोक चेस्ट फिजिशियन 2021;9:49-50।
- गोविंदराज विष्णुकांत, धर्म प्रकाश द्विवेदी, चेल्लामुथु सेल्वराज, विजयरंगम नरेनचंद्र, कोट्टैसमी रामसुब्रमण्यम – ‘’स्किमिटर साइन-रोचक रेडियोलॉजी।‘’