सामान्य जानकारी
बाल शल्यचिकित्सा विभाग आचार्य चटर्जी के अधीन 10 शय्या के साथ सामान्य सर्जरी की एक यूनिट सन् 1976 में प्रारंभ किया गया था, जो दो वर्ष के पश्चात बाल शल्यचिकित्सा की देखरेख के पूर्णकालिक परामर्शदाता बन गए। सन् 1986 तक विभाग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दो पूर्णकालिक परामर्शदाता, आचार्य चटर्जी और डॉ. जगदीश नियुक्त किए गए। सन् 1990 में आचार्य चटर्जी के सेवानिवृत्ति के बाद, आचार्य जगदीश ने 2009 तक जिपमेर में अपनी क्षमता पर बाल शल्यचिकित्सा का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया, जब बाल शल्यचिकित्सा एक अलग विभाग के रूप में स्यूपर स्पेशिऐल्इटि ब्लॉक में स्थानान्तरित हो गई, जिसमें स्नातकपूर्व कक्षाएँ आयोजित करना, बच्चों की शल्यचिकित्सा संबंधी जरूरतों और सामान्य शल्यचिकित्सा के स्नातकोत्तरों और वरिष्ठ रेजिडेन्टों के प्रशिक्षण की देखभाल जैसी सेवाएँ जारी है। विभाग का श्रेय है कि वर्ष 2012 में पाठ्यक्रम आरंभ होने के बाद 12 छात्रों ने बाल शल्यचिकित्सा में एम.सीएच. पूरा किया है। डॉ. अशोक रिझवानी ने 2014 से 2015 तक आचार्य व अध्यक्ष के रूप में सेवा प्रदान किया। डॉ. कुमारवेल एस. विभागाध्यक्ष के रूप में डॉ. जगदीश एस. के स्थान पर कार्य किया और अपना कार्यकाल (2017 से 2019 तक) पूरा किया। इसके बाद, डॉ. विवेकानंद जिन्दल ने दिनांक 1 जनवरी 2020 से विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।
बाल शल्यचिकित्सा विभाग, एक पूरी तरह कार्यात्मक स्वतंत्र यूनिट के रूप में स्यूपर स्पेशिएल्इटि ब्लॉक में स्थित, बच्चों की शल्यचिकित्सा आवश्यकताओं का प्रबंधन करता है, प्रतिदिन ओ.पी.डी. सेवाएं चलायी जाती है और एक सप्ताह में 5 दिन संचालित होती है। नवजातों के लिए सभी अत्याधुनिक ऑपन केयर पद्धतियों सहित एक 6 शय्या वाली स्वतंत्र बाल शल्यचिकित्सा आई.सी.यू., मल्टी-परैमिटर मॉनिटर तथा 5 वेन्टिलेटर, 16 सामान्य वार्ड शय्या और अंतरंग रोगी देखभाल सेवाओं के लिए 3 पे वार्ड शय्या है।
विभाग बाल शल्यचिकित्सा के सभी पहलूओं को संभालता है, जिनमें थोरासिक, गैस्ट्रोइन्टेस्टिइनल, जेनिटोयरिनरी, ऑनकोलॉजी और मिनिमल एक्सेस सर्जरी भी शामिल है और नवजात सर्जरी, थोरासिस और पीडिएट्रिक सर्जिकल ऑनकोलॉजी पर विशेष बल दिया जाता है जिसके लिए 400 किलोमीटर दूरस्थ स्थानों से रोगी इलाज के लिए आते हैं।
विभाग की विशेषताओं में बच्चों के लिए रोबोटिक सर्जरी, पोर्टल हाइपटेन्शन की शंट सर्जरी, बिल्यरि अट्रेसिअ की सर्जरी, डाइअफ़्रैमेटिक हर्निया की नवजात थॉरैसोकोस्पिक रिपेयर, हेपटोब्लास्टोमा के लिए लिवर रिसेक्शन, कॉम्पलेक्स कन्जेनिटल विसंगतियों जैसे कि ब्लैडर एक्सट्रॉपी शामिल है जिसकी सेवा पुदुच्चेरी और उसके आसपास के किसी भी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध नहीं है, विभाग बीमार हुए बच्चों की देखभाल के लिए एक प्रीमियर पीडिएट्रिक सर्जिकल यूनिट के रूप में सेवाएं प्रदान करता है।