सामान्य जानकारी

जिपमेर का अस्थिरोग चिकित्सा विभाग देश में सबसे पुराने में से एक है और अपनी स्थापना समय से ही पूरे देश और विदेशों के रोगियों को इलाज प्रदान कर रहा है। विभाग बहिरंग रोगी, अंतरंग रोगी, आपातकालीन, ट्रॉमा देखभाल और ऑपरेटिव सेवाएं प्रदान करने वाली तीन यूनिटों में काम करता है। विभाग की स्थापना करने वाले अनुभवी और विख्यात संकाय के साथ, वर्षों से रोगी देखभाल में गुणवत्ता सुनिश्चित की गई है। हालाँकि देश में सबसे पुराना विभाग होने के नाते, विभाग आधुनिक और अत्याधुनिक कंप्यूटर सहायता प्राप्त रीयल टाइम नेविगेशन टेक्नोलॉजी और इन्ट्रा ऑपरेटिव 3डी फ्लूरोस्कॉपिक कैपबिलिटि का दावा करता है ताकि रोगियों को जहाँ आवश्यक हो, अनुकूलतम और उचित देखभाल सुनिश्चित किया जा सके। जिपमेर में अस्थिरोग चिकित्सा विभाग ऐसी सुविधाएं प्रदान करने वाली देश में बहुत कम संस्थानों में से एक है। उपलब्ध संसाधनो और अच्छी तरह से अनुभवी वरिष्ठ और उत्साही और समर्पित कनिष्ठ रेजिडेन्ट्स दोनों की एक संकाय दल के साथ, जिपमेर में अस्थिरोग चिकित्सा विभाग के सभी स्तरों पर महत्वपूर्ण और विशेष अस्थिरोग देखभाल प्रदान करता है। ट्रॉमॉ, आर्थोप्लास्टी, कॉम्पलेक्स स्पाइन डिफॉमिटी करेक्शन, स्पोर्ट मेड्सिन, कॉम्प्लेक्स डिफॉमिटी करेक्शन, पीडिऐट्रिक आर्थोपेडिक सेवाओं, मस्क्युलोस्केलइटल ऑन्कोलॉजी में व्यापक आर्थोपेडिक देखभाल प्रदान की जाती है। मेडिकल ऑनकोलॉजी और रेडिएशन ऑनकोलॉजी विभाग के सहयोग से अस्थिरोग चिकित्सा विभाग ने जिपमेर को दक्षिण भारत में मस्क्युलोस्केलइटल ऑन्कोलॉजी के नोडल केन्द्र के रूप में स्थापित किया है। यह विभाग मस्क्युलोस्केलेटिअल मैलिगनन्सिज़ के लिए ई.सी.आई.आर. (एक्स्ट्रा कॉर्पोरियल इरैडिएशन एण्ड रिकंस्ट्रकशन) जैसी उन्नत एवं जटिल उपचार संबंधी प्रक्रिया प्रदान करने वाले देश के कुछ ऐसे संस्थानों में से एक है। स्पाइन, स्पोर्टस मेड्सिन, सेरिब्रल पॉल्सी, क्लब फूट और ऑन्कोलॉजी जैसी विभिन्न उप-विशिष्टताओं के लिए विशेष क्लिनिक चलाई जाती है। उत्कृष्ट प्रशासन और संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग के साथ, जिपमेर में अस्थिरोग चिकित्सा विभाग रोगी देखभाल और अनुसंधान में उत्कृष्टता प्राप्त करने और देश में सर्वश्रेष्ठ संस्थान होने का प्रयास करता है।

Last Updated :01-Sep-2022