शैक्षिक
स्नातकपूर्व पाठ्यक्रम:
- बी.एससी. न्युरोटेक्नोलॉजी: यह तीन वर्षीय पाठ्यक्रम वर्ष 2011 में प्रति वर्ष प्रवेश परीक्षा के माध्यम से 5 छात्रों के दाखिले के साथ प्रारंभ हुआ था। देश में, सबसे पहले हमने ही, तंत्रिका प्रौद्योगिकी में विस्तृत तीव वर्षीय बी.एससी. पाठ्यक्रम शुरूआत की है।
- बी.एससी. नर्सिंग: विभाग तंत्रिका विज्ञान विषयों पर उपदेशात्मक व्याख्यान के माध्यम से छात्रों के तंत्रिका विज्ञान प्रशिक्षण में भाग लेता हैं।
- बी.एससी. स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी: विभाग ऐफ़ेजिअ, डिसार्थ्रीया इत्यादि जैसे प्रासंगिक विषयों पर व्याख्यानों द्वारा छात्रों के तंत्रिका विज्ञान प्रशिक्षण में भाग लेता हैं।
- एम.बी.बी.एस.: विभाग के संकाय स्ट्रोक, मिर्गी और पार्किन्सनिज़्म जैसे विषयों पर एम.बी.बी.एस. के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए तंत्रिका विज्ञान में व्याख्यान कक्षाएं लेते हैं।
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम
- शैक्षिक वर्ष 2018-2019 के लिए 2 छात्रों के दाखिले के साथ एम.एससी. न्युरोटेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
- इंटरनल मेड्सिन एवं मनोचिकित्सा में जिपमेर के एम.डी. स्नातकोत्तर छात्रों तंत्रिका विज्ञान में क्लिनिक्ल क्रमावर्तन के अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। आगे संकाय वृक्क विज्ञान में वर्तमान के एम.डी. त्वचाविज्ञान, भेषजगुण विज्ञान, शरीरक्रिया विज्ञान, सामान्य कायचिकित्सा, विकिरण निदान के लिए न्यूरोलॉजिकल रूप के प्रासंगिक विषयों में स्नातकोत्तर के एम.डी. शोधप्रबंध के मार्गदर्शक/ सह-मार्गदर्शक है। विभाग प्रति वर्ष कायचिकित्सा, बालरोग चिकित्सा, संवेदनाहरण विज्ञान और मनोचिकित्सा के स्नातकोत्तर छात्रों के लिए वृक्क विज्ञान में डॉ चंद्रशेखर स्वर्ण पदक परीक्षा भी आयोजित करता है।
उच्च विशिष्ट पाठ्यक्रम
- डी.एम. तंत्रिका विज्ञान: यह तीन वर्षीय पाठ्यक्रम, वर्ष 2008 में शुरु हुआ जिसमें राष्ट्रव्यापी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रति वर्ष 3 छात्रों (2 सामान्य + 1 प्रायोजित) को दाखिला दिया जाता है। साथ ही विभाग डी.एम. क्लिनिकल प्रतिरक्षा विज्ञान और नैदानिक भेषजगुण विज्ञान विभाग और एम.सीएच. न्युरोसर्जरी के छात्रों के क्रमावर्तन के आधार पर प्रशिक्षित करता है। विभाग के संकाय डी.एम. न्युरोरेडियोलॉजी में स्नातकोत्तरों के शोधप्रबंध के लिए सह-मार्गदर्शक के रूप में शामिल हैं।
- पीएच.डी. न्युरोलॉजी: यह पाठ्यक्रम वर्ष 2016 में प्रारंभ हुआ। छात्रों को एक प्रवेश परीक्षा के माध्यम से चयन किया जाता है। वर्तमान में विभाग में 3 छात्र है।
- स्ट्रोक एवं एपिलेप्सी में फेलोशिप पाठ्यक्रम अनुमोदित किया गया है।
अन्य पाठ्यक्रम
- विभागीय संकाय शरीरक्रिया विज्ञान, भेषजगुण विज्ञान में पीएच.डी. छात्रों के लिए सह-मार्गदर्शक हैं।