शैक्षिक

डी.एम. नियोनैटोलॉजी

तीन वर्षीय डी.एम. नियोनेटोलॉजी पाठ्यक्रम की शुरूआत अगस्त 2009 में हुई जिसका उद्देश्य था सक्षम अति विशेषज्ञों को ढ़ालना और वे नवजात शिशुओं को उच्च स्तर का नैदानिक देखभाल करने में सक्षम हों और भविष्य के अध्यापक, प्रशिक्षक, शोधार्थी और नियोनेटोलॉजी के क्षेत्र में अगुवा बन सकें। वर्तमान में, दो रेजिडेन्टों को इसमें प्रवेश दिया जाता है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम के पूर्वछात्र अभी देश और विदेश के अग्रणी संश्थानों में कार्यरत है।

एच.डी. नियोनैटोलॉजी

नवजातविज्ञान में पीएच.डी. पाठ्यक्रम सितंबर 2010 में नवजातविज्ञान से संबंधित बुनियादी औऱ ट्रैन्सलेशनल अनुसंधान पर ध्यान देने के लिए प्रारंभ हुआ था। ये अनुसंधान गतिविधियाँ विज्ञान को साक्ष्य से लेकर अभ्यास तक, बैंच से लेकर बेडसाइड तक लाने में मदद करता है। वर्तमान में इस कार्यक्रम में 3 शोधार्थी नामांकित हैं।

एम.डी. पीडिऐट्रिक

नवजातविज्ञान में क्रमावर्तन के आधार पर तैनात है। वर्तमान में बालरोग चिकित्सा विभाग में प्रतिवर्ष लगभग 20 छात्रों को प्रवेश दिया जाता है।  

एम.बी.बी.एस.

स्नातकपूर्व प्रशिक्षण (सिद्धांत एवं बेडसाइड शिक्षण दोनों) विभाग की शैक्षिक गतिविधियों का एक मुख्य घटक है। 

अन्य

नवजातविज्ञान विभाग के संकाय बालरोग में एम.डी. अध्ययन कर रहे रेज़िडेन्टसों के लिए मार्गदर्शक या सह-मार्गदर्शक भी है। विभाग के संकाय बी.एससी. और एम.एससी. नर्सिंग छात्रों  लिए भी सह-मार्गदर्शक हैं और पोस्ट-बेसिक नियोनेटल नर्सिंग डिप्लोमा पाठ्यक्रम के माध्यम से नियोनेटल नर्सों के प्रशिक्षण में मदद करता है। विभाग पीएच.डी और एम.डी. पाठ्यक्रमों के लिए शरीररचनाविज्ञान, जीवरसायन और सूक्ष्मजीवविज्ञान विभागों सहित अन्य विभागों के साथ भी सहयोग करते हैं।

Last Updated :25-Aug-2022