सामान्य जानकारी

चिकित्सीय जठरांत्ररोग विज्ञान विभाग

विभाग ने अपनी जी.आई. मोटि्लिटी प्रयोगशाला में बहिरंग रोगियों के लिए ईसॉफेगल पी.एच. इम्पीडन्स पी.एच. टेस्टिंग की शुरूआत की। लघु आंत्र विकारों के निदान और प्रबंधन के लिए एकल बैलून ऐन्टेरोस्कौपी का उपयोग करके लघु आंत्र वीक्षण भी शुरू किया गया। एंजिओइक्टेशिया तथा विकिरण प्रॉक्टि्इटिस के कारण होने वाले जी.आई. रक्तस्नाव के प्रबंधन के लिए आर्गेन प्लाज़्मा कोएगुलेशन प्रारंभ किया गया।

Last Updated :24-Aug-2022