सामान्य जानकारी
आपातकालीन चिकित्सा और ट्रॉमा विभाग (ई.एम.एस.डी.)
वर्ष 2013 में स्थापित, आपातकालीन चिकित्सा और ट्रॉमा विभाग में समर्पित चिकित्सकों, नर्सों, आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन, ई.सी.जी. तकनीशियन, ड्रेसर और अन्य स्वास्थ्य देखभाल संव्यावसायिकों का एक दल शामिल है जो पुदुच्चेरी और उसके बाहर से आने वाले प्रचुर विविधताओं के जनसमूह को चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ई.एम.एस. विभाग प्रतिदिन औसतन 450 रोगियों का इलाज करता है। आपातकालीन विभाग में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सी.टी. स्कैन, ई.सी.जी., तथा चौबीसों घंटे कार्यरत बॉयोकेमिकल पॉइन्ट-ऑफ़-केयर प्रयोगशाला आदि से सुसज्जित है।
जिपमेर की आपातकालीन चिकित्सा और ट्रॉमा विभाग पूर्ण रूप से मान्यता प्राप्त आपातकालीन चिकित्सा में रेज़िडेन्सी कार्यक्रम है। अप्रैल 2014 में एम.डी. आपातकालीन चिकित्सा के अधिष्ठापन कक्षा का नामांकित किया गया। सतत उन्नति, विकास एवं सुधार जिपमेर आपातकालीन चिकित्सा रेजिडेन्सी को एक उच्च कोटि कार्यक्रम के रूप में स्थापित करता है। आपातकालीन चिकित्सा की स्पेशिऐल्इटी में अग्रणी एवं उत्कृष्ट चिकित्सकों को विकसित करने के उद्देश्य से रेज़िडेन्ट्स को जिपमेर के आपातकालीन विभाग में आने वाले एक जैसे रोगियों के पूर्ण स्पेक्ट्रम को पहचानने, मूल्यांकन करने और प्रबंधन हेतु प्रशिक्षित किया जाता है। एक सेवा रत जनसंख्या के तहत अपनी सेवा के आधार पर जिपमेर गंभीर रूप से बीमार और घायल रोगियों की बड़ी संख्या की देखभाल करने में अवसर प्रदान करता है। शैक्षणिक दृढता और गुणवत्तापूर्ण आपातकालीन देखभाल प्रदान करने पर बल दिया गया है। नैदानिक एक्सपोज़र गहन है लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण है, शैक्षिक वातावरण सहयोग देने वाला है और कार्यक्रम सक्रिय रूप से रेज़िडेन्ट्स को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने का प्रयास करता है।
Last Updated :23-Aug-2022