शैक्षिक

1. एम.डी. स्नातकोत्तर रेजिडेन्सी कार्यक्रम: अप्रैल 2014 से, एम.डी. स्नातकोत्तर रेजिडेन्सी कार्यक्रम (एम.डी. आपातकालीन चिकित्सा) प्रारंभ हुआ। वर्तमान में, प्रतिवर्ष 10 छात्रों के प्रवेश के साथ, 30 कनिष्ठ रेज़िडेन्ट्स हैं।
2. वरिष्ठ रेजिडेन्सी: वर्तमान में कुल सात वरिष्ठ रेजिडेन्स (पोस्ट एम.डी./डी.एन.बी. आपातकालीन चिकित्सा) कार्य कर रहे हैं।
3. स्नातकपूर्व प्रशिक्षण: स्नातकपूर्व छात्रों के प्रत्येक बैच विभाग में अनिवार्य रूप से दो सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। प्रशिक्षण में बेसिक लाइफ सप्पोर्ट (बी.एल.एस.), प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन चिकित्सा, शल्यचिकित्सा और ट्रॉमा निदान और प्रबंधन पर बेडसाइड चर्चा शामिल है। ई.एम.एस. विभाग एम.बी.बी.एस. मूल पाठ्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण आपातकालीन स्थितियों पर कक्षाएं भी आयोजित करता है।
4. ए.सी.एल.एस. प्रशिक्षण कार्यक्रम: जिपमेर आपातकालीन देखभाल और पुनर्जीवन जानकारी को उन्नत (अपग्रेड) करने के लिए डॉक्टरों, नर्सों और पराचिकित्सकों के लिए समय-समय पर बी.एल.एस और ए.सी.एल.एस. प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
5. आपातकालीन चिकित्‍सा तकनीशियन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम: यह पाठ्यक्रम 2007 में प्रि-हॉस्पिटल इमर्जन्सी मैन्इज्मन्ट में 10 माह की प्रशिक्षण अवधि के साथ शुरू किया गया था। प्रारंभ में इस पाठ्यक्रम का नाम प्रि हॉस्पिटल ट्रॉमा टेक्निशन पाठ्यक्रम (पी.एच.टी.टी.) था। वर्ष 2011 में, इस पाठ्यक्रम का नाम परिवर्तित करके “इमजन्सी मेडि्सन टेक्निशन (ई.एम.टी.) सटिफ्इकिट पाठ्यक्रम” कर दिया गया। इस पाठ्यक्रम में एक वर्ष (12 माह) की अध्ययन अवधि के अतिरिक्त ई.एम.टी. के प्रशिक्षण के लिए एक वर्ष का वैकल्पिक इंटर्नशिप शामिल है।

Last Updated :23-Aug-2022