अनुसंधान
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‘’लगातार अस्थमा के साथ दक्षिण भारतीय रोगियों में इनहेलेशन कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स कीप्रतिक्रिया पर विटामिन डी स्तर से संबंधित विटामिन डी स्तर और आनुवंशिकबहुरूपता का संघ। (पीआई) (एनसीडी/एड-हॉक/34/2017-18 दिनांक 15-03-2018) द्वारा वित्त पोषित आई.सी.एम.आर मार्च 2021 में बनकर तैयार हुआ था।
प्रकाशन:
1. नारायणन .एन, पलुई .आर, मेरुगु .सी, कार .एस.एस, कमलनाथन .एस, साहू .जे, एवं अन्य– ‘’प्राथमिक अतिपरजीविता में फ्रैक्चर का जोखिम: एक मेटा - विश्लेषण।‘’ जे.बी.एम.आर प्लस। 2021;5:ई10482।
2. शिवगुस्नाथन .के, राजेंद्रन .पी, सेल्वराजन .एस, गणेशपांडियन .एम – ‘’ड्रग-प्रेरित स्टीवंस-जॉन्सन सिंड्रोम और टॉक्सिक एपिडर्मल नेक्रोलिसिस में कार्य-कारणमूल्यांकन के लिए विभिन्न पैमानों के बीच समझौता।‘’ वर्तमान दवा सुरक्षा। 2021.
3. सेल्वराजन .एस, श्रीनिवासन .ए, सुरेंद्रन .डी, मथैयन .जे, कमलनाथन .एस – ‘’एसोसिएशन ऑफ जेनेटिक पॉलीमॉर्फिज्म इन विटामिन-डी रिसेप्टर (ए.पी.ए.आई, ताकी और फोकी) विटामिन-डी और ग्लाइसेमिक स्थिति के साथ दक्षिणीभारत टाइप 2 मधुमेह रोगियों में ड्रग मेटबॉलिक और व्यक्तिगत चिकित्सा. 2021।
4. कमलनाथन .एस, दास .एस, श्रीनिवासन .ए, आनंदभास्कर .एन, साहू .जे, सेल्वराजन .एस –‘’इंटरमीडिएट क्रोनिक किडनी रोग वाले टाइप 2 मधुमेह रोगियों में धमनी कठोरतापर विटामिन डी का प्रभाव।‘’ विकासशील देशों में मधुमेह के अंतर्राष्ट्रीय जर्नल। 2021:1-9.
5. थक्कार .डी.एन, प्रपाथ .आई, आदितन .एस, रामसामी .के, सेल्वराजन .एस, दुबाशीबी - ‘’एक्स.पी.सी में वेरिएंट, नोक्सा और टी.एल.आर 4 जीन हॉजकिन लिंफोमा रोगियों में ब्लोमाइसिन-प्रेरित फेफड़ों की चोट से जुड़े नहीं हैं।‘’ निजीकृत दवा। 2020;17:203-12।
6. मैती .टी, दास .एस, रामसामी .ए, स्टेनली जेवियर .ए, कुमार बेहरा .एस, सेल्वराजन .एस-‘’ओपिओइड निर्भरता के लिए दवा-सहायता उपचार (एम.ए.टी) पर एक सिंहावलोकन।‘’ ज. ओपिओइड मैनेग। 2020;16:141-149।
7. पलुई .आर, दास .आर.आर, रॉय .ए, कमलनाथन .एस, कार .एस.एस, साहू .जे, सेल्वराजन .एस, सत्सपती .ए.के – ‘’पैराथाइरॉइड हार्मोन रिप्लेसमेंट बनाम ओरल कैल्शियम और हाइपोपैराथायरायडिज्म में सक्रिय विटामिन-डी सप्लीमेंट’’ : एक मेटा-अनैलसिसि। भारतीय जम्मू एन्डोक्र मेटाब 2020; 24: 206-14।